मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली से जा रहे लोगों से अपील की है कि वह दिल्ली न छोड़ें। दिल्ली सरकार उनके खाने का इंतजाम कर रही है। शनिवार से चार लाख लोगों को सरकार खाना खिलाएगी। वहीं, करीब आठ लाख लोगों की बढ़ी हुई पेंशन उनके खाते में डाल दी गई है। इसके अलावा राशन कार्ड धारकों को मुफ्त राशन भी दिया जा रहा है।
उपराज्यपाल अनिल बैजल के साथ उच्च स्तरीय बैठक के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि 325 स्कूलों में सरकार दोपहर व शाम का खाना बंटवाएगी। वहीं पहले से चल रहे रैन बसेरों में मुफ्त खाने की सुविधा चलती रहेगी। दिल्ली सरकार अभी तक हर दिन 20 हजार लोगों को अपने 224 रैन बसेरों में खाना बना कर खिला रही है। सरकार ने 325 स्कूलों में दोपहर और रात में 500-500 लोगों के खाने का इंतजाम किया है। वहीं 224 रैन बसेरों में भी खाने की मात्रा बढ़ाई गई है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि विधायकों को अपने क्षेत्र में भूखों को खाना खिलाने की जिम्मेदारी दी गई है। इन्हें समाज के लोगों के साथ मिलकर सुनिश्चित करना है कि कोई मजदूर या गरीब कोई भूखा न सोए। हालांकि खाना खिलाते वक्त सामाजिक दूरी बनाए रखना है। ऐसा न हो कि कोरोना वहीं से फैलना शुरू हो जाए। ऐसे में यह लॉक डाउन बेकार चला जाएगा।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले दो-तीन दिनों से झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता दीदी के सोशल मीडिया पर संदेश आ रहे हैं। वे कह रहे हैं कि झारखंड और बंगाल के जितने लोग दिल्ली में रह रहे हैं, उनका ख्याल रखिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में यूपी और बिहार के लोग भी रह रहे हैं। दिल्ली की सीमाओं में जो लोग हैं, उन सभी लोगों की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार की है। यह सभी लोग बिहार, झारखंड, बंगाल, तमिलनाडु, केरला या कहीं के रहने वाले हों, लेकिन अब वो दिल्ली के हैं। आप सभी बिल्कुल चिंता मत कीजिए। एक-एक व्यक्ति का दिल्ली सरकार ख्याल रखेगी। एक-दो दिन कुछ दिक्कतें आई थी, लेकिन अब किसी को खाने की दिक्कत नहीं होने देंगे।