<no title>#LadengeCoronaSe: गरीबों की मदद को उमड़ी दिल्ली, मंदिर-गुरुद्वारे से लेकर स्वयं सेवी संगठनों ने बढ़ाया हाथ
कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन के कारण बेघर गरीबों को भूखा रहना पड़ रहा था। रोजगार की कमी, भूख और रहने की जगह की कमी से परेशान इन मजदूरों ने ऐसे हालात में सैकड़ों किलोमीटर दूर अपने गांवों की तरफ पैदल ही रुख कर लिया। इनकी परेशानी देख दिल्ली मदद को उमड़ पड़ी है।
 

दिल्ली सरकार ने अपने स्तर पर शनिवार से चार लाख गरीब लोगों को दोनों टाइम का भोजन उपलब्ध कराने का फैसला किया है। यह मदद लगभग 550 अलग-अलग सेंटरों पर उपलब्ध करवाई जाएगी। दिल्ली सरकार के आलावा सिख संगठनों, हिन्दू धार्मिक संगठनों, राजनीतिक संगठनों और स्वयं सहायता समूहों ने भी गरीबों की मदद के लिए अपना हाथ बढ़ाया है।

दिल्ली सरकार की मदद शुरू


मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि बुधवार तक राजधानी के 200 से ज्यादा सेंटरों पर लगभग 20 हजार लोगों को मुफ्त राशन उपलब्ध करवाया जा रहा था। शुक्रवार को यह संख्या दो लाख तक कर दी गई है।

शनिवार तक दिल्ली के लगभग 325 स्कूलों को राहत केन्द्रों में तब्दील कर दिया जायेगा, जिसके बाद चार लाख लोगों को इन जगहों पर दोनों टाइम का भोजन उपलब्ध कराया जायेगा। राधा स्वामी और इस्कान मंदिर जैसे संगठनों ने सरकार को खाने के पैकेट उपलब्ध कराने के लिए दिन-रात एक कर दिया है।



सिख संगठन बोले- गुरुद्वारे खुले


गरीबों की मदद के लिए सिख संगठनों ने गुरुद्वारे खोल दिए हैं। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के चेयरमैन मंजीत सिंह सिरसा ने कहा है कि राजधानी में एक भी गरीब भूखे नहीं रहने पाएगा। भूखे लोगों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए वे दिल्ली सरकार को भी भोजन के पैकेट उपलब्ध करवा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि कुछ जगहों पर डॉक्टरों को रहने की समस्या सामने आई है। इसके लिए गुरुद्वारों में डॉक्टरों को आवास उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। सिख संगठन ने सरकार को पूरा अस्पताल तैयार कर देने का भी प्रस्ताव रखा है, जहां कोरोना पीड़ित मरीजों का मुफ्त इलाज किया जा सकेगा।

क्वारंटीन सेंटर का भी प्रस्ताव


गुरुद्वारा बंगला साहिब, नानकदेव जी गुरुद्वारा और मजनू का टीला गुरुद्वारे पर गरीबों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए दिन-रात भंडारा चल रहा है। मजनू का टीला गुरुद्वारे ने सरकार के सामने इस बात का भी प्रस्ताव रखा है कि अगर सरकार क्वारंटीन सेंटर के रूप में जगह लेना चाहती है, तो वे इसके लिए भी मदद करने को तैयार हैं।